sidh kunjika Secrets



देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

aiṃ hrīṃ klīṃ chāmuṇḍāyai vichchē jvala haṃ saṃ laṃ kṣaṃ phaṭ svāhā ॥ 5 ॥

इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।

सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.

She who's got the form with the sound hoom she who's got sound just like a thunderbolt Oh Goddess of the good, salutations and salutations to you.  

छठ की व्यापकता में पोखर तालाब से टूटता नाता

येन मन्त्र प्रभावेण, चण्डी sidh kunjika जापः शुभो भवेत।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

ॐ अस्य श्रीकुंजिकास्तोत्रमंत्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः,

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